मैं लिखता हूं दुःख -ठाकुर अजातशत्रु सिंह

मैं कवि हूं
इसलिए लिखता हूं दुःख ।
जीता हूं संघर्ष ।
पीता हूं गरल ।
बुनता हूं धरती ।
गाता हूं आकाश ।
रचता हूं स्वप्न ।
जलाता हूं बुझी आशाएं ।
जगाता हूं मिटी स्मृतियां ।
और पोंछता हूं
टूटे हृदय के आंसू ।
ठाकुर अजातशत्रु सिंह
मौलिक/सर्वाधिकार सुरक्षित
रचनाकार के बारे में….
अजातशत्रु सिंह भारतीय इतिहास, राजनीति, अर्थव्यवस्था, कला एवं साहित्य के प्रमुख अध्येता एवं विश्लेषक हैं। आपके विद्वत्तापूर्ण एवं ज्ञानवर्धक लेख राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। आकाशवाणी पटना से आपके लेख एवं कविताओं का नियमित प्रसारण होता रहा है। प्रतियोगिता परीक्षा से जुड़ी आपकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। WIPO के Accessible Publication के संपादक मंडल से आप जुड़े रहे हैं। आपने Wit Today एवं विकास सेतु जैसी पत्रिकाओं का संपादन भी किया है। संप्रति आप जस्टिस ऑफ पीस मेमोरियल फाउंडेशन एंड रिसर्च सेंटर के सचिव हैं।
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