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मानवता (लघुकथा)-हरे कृष्ण प्रकाश

 मानवता (लघुकथा)- हरे कृष्ण प्रकाश लालू कब से आवाज दे रही हूं मैं, सुन ही नहीं रहे! आया मां वो गूगल पर साहित्य आजकल से कविता पढ़ रहा था। अच्छा बाजार जाकर सब्जी ला दे। लालू झोला लेकर बाजार पहुंच जाता है और इधर उधर ताक कर अच्छी सब्जी तलाश करता है। वह देखता है […]

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जी चाहता है…(लघुकथा) –हरे कृष्ण प्रकाश

जी चाहता है…(लघुकथा) –हरे कृष्ण प्रकाश शाम तक घर आ जाऊंगा माँ, चल सोनू जल्दी चल लेट हो रही है! घर से जल्दबाज़ी में निकलते वक्त घोल्टा ने अपनी मां से कहा और सोनू के साथ सफर पर चल पड़ा…! अरे यार कहाँ थे अब तक…,तुम दोनों का इंतजार करते करते आंखे तरस गई ठीक

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